कक्षा 12वीं विषय हिंदी पतंग कविता के सभी प्रश्नोत्तर || Class 12th Hindi Patang Full Chapter Solutions NCERT @MainsEducation
कविता के साथ
सभी प्रश्नों के उत्तर 30 से 40 शब्दों में दीजिए।
1. 'सबसे तेज बौछारें गयीं, भादो गया' के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें।
कवि ने भादो माह के बीतने के बाद प्रकृति में आए बदलाव को दर्शाया है। अब तेज बौछारें थम गई हैं और मौसम सुहावना हो गया है। आकाश साफ और मुलायम हो गया है, जिससे धूप भी नरम महसूस होती है। यह परिवर्तन एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करता है, जैसे सबेरा खरगोश की आँखों जैसा लाल दिख रहा है।
2. सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज़, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?
कवि ने पतंग के लिए इन विशेषणों का प्रयोग उसकी कोमलता, लचीलेपन, सुंदरता और उड़ने की क्षमता को उजागर करने के लिए किया है। 'सबसे हल्की और रंगीन चीज़' उसे मनमोहक और उड़ान भरने में सक्षम बनाती है, जबकि 'सबसे पतला कागज़' और 'सबसे पतली कमानी' उसकी नाजुकता और हवा में आसानी से तैरने की विशेषता को दर्शाती है।
3. बिंब स्पष्ट करें-
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सबसे तेज बौछारें गयीं भादो गया
यह बिंब बताता है कि वर्षा ऋतु की तीव्र और अनियंत्रित फुहारें अब समाप्त हो गई हैं और भादो का महीना भी बीत चुका है। यह प्रकृति में बदलाव का संकेत है, जहाँ अब मौसम शांत और खुशनुमा हो रहा है।
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सबेरा हुआ
यह बिंब एक नए दिन की शुरुआत को दर्शाता है, जिसमें एक नई ऊर्जा और ताजगी है।
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खरगोश की आँखों जैसा लाल सबेरा
यह बिंब सुबह के समय सूर्योदय के लालिमा को खरगोश की लाल आँखों से तुलना कर रहा है। यह एक सुंदर और जीवंत दृश्य प्रस्तुत करता है, जिसमें नई उमंग और उत्साह भरा है।
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शरद आया पुलों को पार करते हुए
यह बिंब शरद ऋतु के आगमन को एक व्यक्ति के रूप में चित्रित करता है जो धीरे-धीरे और सावधानी से बाधाओं (पुलों) को पार करते हुए आ रहा है। यह दर्शाता है कि शरद ऋतु धीरे-धीरे और सहजता से आ रही है।
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अपनी नयी चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए
यह बिंब बच्चों के उत्साह और ऊर्जा को दिखाता है जो शरद ऋतु के आगमन से उमड़ रहा है। वे अपनी नई साइकिल पर तेजी से दौड़ते हुए खुशियाँ मना रहे हैं।
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घंटी बजाते हुए जोर-जोर से
यह बिंब खुशी और उमंग को व्यक्त करता है। बच्चे घंटी बजाकर अपनी खुशी और उत्साह का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो एक उत्सवपूर्ण माहौल बनाता है।
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चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
यह बिंब दर्शाता है कि शरद ऋतु अपने चमकीले और आकर्षक संकेतों (जैसे साफ मौसम, धूप) से बच्चों को बाहर खेलने के लिए बुला रही है, जैसे कोई हाथ हिलाकर बुलाता है।
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आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
यह बिंब शरद ऋतु में आकाश के कोमल और साफ होने को दर्शाता है, जिसमें धूल या बादल नहीं हैं। यह आकाश को इतना आरामदायक बनाता है कि पतंगें आसानी से उड़ सकें।
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कि पतंग ऊपर उड़ सके।
यह बिंब स्पष्ट करता है कि आकाश की मुलायमियत और साफ मौसम पतंगों को ऊँचाई पर उड़ने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।
4. जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास- कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है?
कवि ने बच्चों के साथ 'कपास' का संबंध उनकी सहज कोमलता, लचीलेपन और निडरता को दर्शाने के लिए किया है। कपास की तरह बच्चे भी चोट लगने पर सहजता से उठ जाते हैं और उनका शरीर भी कपास के समान नरम और लचीला होता है, जिससे वे गिरने पर भी खुद को बचा लेते हैं।
5. पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं- बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है?
कवि ने पतंगों के साथ बच्चों की उड़ान को उनके सपनों और कल्पनाओं से जोड़ा है। जैसे पतंगें ऊँचाई पर उड़ती हैं, वैसे ही बच्चे भी अपनी कल्पनाओं के पंख फैलाकर आसमान में उड़ते हैं। यह उनकी असीम ऊर्जा, उत्साह और स्वतंत्रता की भावना को दर्शाता है।
6. निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़ कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
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(क) छतों को भी नरम बनाते हुए
यह पंक्ति दर्शाती है कि बच्चे इतने निडर और उत्साह से भरे होते हैं कि उन्हें कठोर छत भी नरम महसूस होती है। वे बिना किसी डर के छतों पर दौड़ते-भागते हैं, जो उनकी सहजता और खेल भावना को दिखाता है।
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(ख) दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
यह पंक्ति बच्चों की गतिविधियों से उत्पन्न ध्वनि और उत्साह को व्यक्त करती है। जब बच्चे छत पर भागते-दौड़ते हैं, तो उनकी पदचाप से चारों दिशाओं में मृदंग जैसी गूँज सुनाई देती है, जो उनकी मस्ती और ऊर्जा का प्रतीक है।
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(ग) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से
यह पंक्ति बच्चों के खेल में निहित जोखिम को इंगित करती है। पतंग उड़ाते समय बच्चे अक्सर छतों के खतरनाक किनारों तक पहुँच जाते हैं, जिससे गिरने का खतरा रहता है।
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(घ) और बच जाते हैं तब तो
यह पंक्ति बच्चों के अद्भुत लचीलेपन और शारीरिक क्षमता को दर्शाती है। यदि वे गिर भी जाते हैं, तो भी वे अक्सर बिना गंभीर चोट के बच जाते हैं, जो उनकी आंतरिक शक्ति और ईश्वर की कृपा को दर्शाता है।
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(ङ) और भी निडर होकर सुनहले सूरज के सामने आते हैं।
यह पंक्ति बच्चों की निडरता और उत्साह को बढ़ाती है। गिरने और बचने के बाद वे और भी अधिक साहसी हो जाते हैं और सुनहरे सूरज की रोशनी में बिना किसी डर के फिर से खेलने लगते हैं।
प्रश्न:
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है?
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का तात्पर्य बच्चों की भाग-दौड़ और धमाचौकड़ी से उत्पन्न ध्वनि से है। जब बच्चे छतों पर पतंग उड़ाते हुए उत्साहित होकर दौड़ते हैं, तो उनकी पदचाप और आवाजें इतनी गूँजती हैं कि ऐसा लगता है मानो चारों दिशाओं में मृदंग बज रहा हो, जिससे एक उत्सवपूर्ण और जीवंत माहौल बन जाता है।
जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है?
नहीं, जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए छत कठोर नहीं लगती है। बच्चे इतने उत्साहित और पतंग में लीन होते हैं कि उन्हें छत की कठोरता का एहसास ही नहीं होता। उनके लिए उस समय पूरी दुनिया ही मुलायम और रोमांच से भरी हुई होती है, जिससे वे बिना किसी डर या असुविधा के छतों पर दौड़ पाते हैं।
खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं?
खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद व्यक्ति दुनिया की चुनौतियों के सामने अधिक आत्मविश्वास और मजबूत महसूस करता है। जिस प्रकार बच्चे गिरने के बाद और भी निडर होकर खेलते हैं, उसी प्रकार हम भी कठिनाइयों से पार पाकर अधिक साहसी और सक्षम बन जाते हैं। यह अनुभव हमें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है और हमारी सहनशीलता को बढ़ाता है।
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