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अपठित गद्यांश कक्षा 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा 2022
स्वार्थ और परमार्थ मानव की दो प्रवृत्तियां है! हम अधिकतर सभी कार्य अपने लिए करते हैं ' पर ' के लिए सर्वस्व बलिदान करना ही सच्ची मानवता है। यही धर्म है, यही पुण्य है। इसे ही परोपकार कहते हैं। प्रकृति हमें निरंतर परोपकार का संदेश देती है। नदी दूसरों के लिए बहती है।वृक्ष मनुष्यों को छाया तथा फल देने के लिए ही धूप, आंधी, वर्षा और तूफानों में अपना सब कुछ बलिदान कर देते हैं।
प्रश्न– (१) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
(२) सच्ची मानवता क्या है ?
(३) वृक्ष हमें परोपकार का संदेश कैसे देते हैं?
(४) उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए ?
उत्तर – (१) शीर्षक- स्वार्थ एवं परमार्थ।
(२) ' पर ' के लिए सर्वस्व बलिदान करना ही सच्ची मानवता है।
(३) वृक्ष मनुष्य को छाया तथा फल देने के लिए ही धूप, आंधी, वर्षा और तूफानों में अपना सबकुछ बलिदान कर देते हैं।
(४) हमें फल पाने के लिए उसके रास्ते में आने वाली कठिनाइयों से बराबरी से मुकाबला करना चाहिए। हमें अपने कार्य, अधिकार अपने लिए ना करके दूसरों के लिए भी कुछ कार्य करना चाहिए ताकि पुण्य व धर्म का पालन हो।
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