अतिशयोक्ति अलंकार किसे कहते हैं उदाहरण दीजिए–अतिशयोक्ति अलंकार का अर्थ परिभाषा एवं उदाहरण आसान शब्दों में सीख लीजिए!

अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण इस प्रकार हैं–

अतिशयोक्ति अलंकार–काव्य में जहां पर किसी व्यक्ति या वस्तु का स्वभाविकता से अधिक बढ़ा- चढ़ाकर वर्णन किया जाए वहां पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है!
अतिशयोक्ति अलंकार के उदाहरण–
१. वह शर इधर गांडीव-गुण से भिन्न जैसे ही हुआ, धड़ जयद्रथ का उधर सिर से चिन्ह वैसे ही हुआ!!
२. देखो दो–दो मेघ बरसते मै प्यासी की प्यासी।
३. पानी परात को हाथ छुयों नहीं नैननि के जल सो पग धोए!
४.हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग ,लंका सारी जल गई ,गए निशाचर भाग।। 
५. पड़ी अचानक नदी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार।
राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।।

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