विराम चिह्न-Punctuation Mark's in Hindi
विराम चिह्न-PUNCTUATION MARKS
'विराम' का अर्थ है - रूकना या विश्राम ।
'चिह्न' का अर्थ है- निशान ।
जब हम अपने मन के भावों और विचारों को व्यक्त करते हैं,तो हमें कई बार वाक्यों को सुन्दर बनाने के लिए रूकना पड़ता है। लिखते समय रूकने के स्थान पर विराम चिह्नों का प्रयोग किया जाता है।
(पहली बार फुटबाल मैच देख रहा सचिन)
अमित : अरे भाई गौरव, यह लोग फुटबाल में पैर क्यों मार रहे हैं ?
गौरव : गोल करने के लिए ।
अमित : अरे! यह फुटबॉल इतनी गोल है और कितनी गोल करेंगे?
उपर्युक्त वाक्यों में बोलने के लिए कितनी बार रुकना पड़ा । इन सभी स्थानों पर विराम-चिह्नों का प्रयोग हुआ है।
इस प्रकार,
लिखित भाषा में विराम देने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है,उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं।
हिन्दी में प्रयुक्त कुछ प्रमुख विराम चिह्न (Some important Punctuation Mark's used In Hindi)
(1) पूर्ण विराम [।]
प्रत्येक वाक्य के पूर्ण होने पर पूर्ण विराम [।] का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: 1) रजनी कल पटना गयी।
2) राजू को परीक्षा में पूरे अंक मिले हैं।
(2) अल्पविराम [,]
पढ़ते या बोलते समय जब हम थोड़ा रुकते है,तो अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: (१)अमित,निधि और गौरव रामपुर गए।
(२) हरीश,निधि और मनु मित्र हैं।
(3) अर्धविराम [;]
अर्धविराम का प्रयोग अल्पविराम की अपेक्षा अधिक समय तक रूकने के लिए किया जाता है।
जैसे-: (१) जो काम मैं आज पूरा नहीं कर सका हूँ; वह कल पूरा कर लूँगा।
(२) अनिल घर गए और सो गए; किन्तु खाना न खा सके।
(4) प्रश्नवाचक चिह्न [?]
प्रश्नसूचक वाक्यों के अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न [?] का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: (१)तुम्हारा नाम क्या है?
(२) तुम कहाँ जा रहे हो?
(5) विस्मयादिबोधक चिह्न [!]
शोक,घृणा,आश्चर्य,हर्ष आदि भावों को प्रकट करने के लिए विस्मयादिबोधक चिह्न ! का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: (१) छि! कितना गन्दा है ।
(२) वाह! यह तो बहुत सुन्दर है।
(३)अरे! यह क्या हो गया।
(6) निर्देशक चिह्न [-]
इसका प्रयोग वाक्यों तथा वाक्यांशों के बीच में किया जाता है।
जैसे -: (१) जानकी ने कहा - यह गमला मैने तोड़ा।
(२) मोहन बोला - वहाँ कौन है?
(7) योजक चिह्न[ - ]
दो शब्दों को जोड़ने के लिए योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: सीता-गीता, राम-श्याम,दिन-रात आदि ।
(8) उद्धरण चिह्न [ "......"]
किसी व्यक्ति के शब्दों को ज्यों-का-त्यों रखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: शास्त्री जी ने कहा - "जय जवान,जय किसान।"
अध्यापिका चिल्लाई-"चुप रहो।"
(9) कोष्ठक ( )
कोष्ठकों का प्रयोग वाक्य के बीच में शब्दों का अर्थ प्रकट करने के लिए किया जाता है।
जैसे-: राष्ट्रपिता (गांधीजी) का सभी सम्मान करते हैं।
(10) लघाव चिह्न (॰)
शब्द को संक्षिप्त रूप में लिखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
जैसे-: (१) डॉ॰रस्तोगी
(२) प्रो॰देवेन्द्र आदि।
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