INDIAN CONSTITUTION ARTICLE 74 , Full Details about Article 74 of Indian Constitution

अनुच्छेद 74 — राष्ट्रपति के परामर्श हेतु मंत्रीमंडल (Article 74) | Mains Education

अनुच्छेद 74 — राष्ट्रपति के परामर्श हेतु मंत्रीमंडल (Article 74)

लेखक: Mains Education • अद्यतन: 15 सितंबर 2025

परिचय

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 74 (Article 74) केंद्रीय कार्यपालिका के स्वरूप और राष्ट्रपति व मंत्रिमंडल के सम्बन्ध को परिभाषित करता है। यह बताता है कि कार्यकारी शक्ति का वास्तविक प्रयोग किसके द्वारा होता है और राष्ट्रपति का वास्तविक स्थान क्या है।

अनुच्छेद 74 का मूल आशय

अनुच्छेद 74(1): "प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रीमंडल होगा जो राष्ट्रपति को सहायता तथा परामर्श प्रदान करेगा, और राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उन परामर्शों के अनुसार काम करेगा।"

अनुच्छेद 74(2): यह भी कहता है कि किस प्रकार का परामर्श दिया गया — यह प्रश्न किसी भी न्यायालय में पूछ-ताछ के लिए नहीं खोला जा सकेगा।

महत्वपूर्ण संशोधन

  • 42वाँ संशोधन (1976): इस संशोधन ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद के परामर्श के अनुसार "काम करना होगा" — यानी परामर्श बाध्यकारी था।
  • 44वाँ संशोधन (1978): राष्ट्रपति को यह सीमित अधिकार दिया गया कि वह परामर्श को पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है; परन्तु यदि मंत्रिमंडल वही परामर्श दोबारा भेज दे तो राष्ट्रपति को उसे स्वीकार करना होगा।

न्यायिक व्याख्या और व्यवहारिक अर्थ

न्यायालयों ने कई मामलों में अनुच्छेद 74 की व्याख्या की है। अनुच्छेद 74(2) के अनुसार यह तय किया गया है कि मंत्रीमंडल द्वारा राष्ट्रपति को दिया गया परामर्श न्यायालयों में चुनौती नहीं किया जा सकता — इससे कार्यपालिका के आंतरिक परामर्शों की गोपनीयता बनी रहती है। परन्तु अगर परामर्श संविधान के विपरीत या गैरकानूनी हो तो अन्य संवैधानिक उपाय जैसे संसदीय निन्दा या महाभियोग के प्रावधान सक्रिय हो सकते हैं।

अनुच्छेद 74 का व्यावहारिक प्रभाव

  • राष्ट्रपति का पदिता अधिकतर संवैधानिक और प्रतीकात्मक रहती है; वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रीमंडल और प्रधानमंत्री के पास रहती है।
  • अनुच्छेद 74 केंद्र और राज्यों के बीच कार्यपालिका के स्वरूप को भी प्रभावित करता है—राज्यों में इसी प्रकार के प्रावधान राज्यपाल और मुख्यमंत्री पर लागू होते हैं (अनुच्छेद 163)।

निष्कर्ष

अनुच्छेद 74 भारतीय संसदीय लोकतंत्र के कार्यकारी ढांचे की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति का कार्य सामान्यतः मंत्रिपरिषद के परामर्श के अनुसार हो — जिससे लोक-प्रतिनिधियों द्वारा संचालित कार्यपालिका की जवाबदेही बनी रहती है।

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